ट्रेकिंग का पहला अनुभव - सुखद, अलग, दर्दभरा, थका देने वाला अनुभव लेने के लिए मैं भी पहली बार श्री हेमकुंड साहिब के ट्रैक पर चला गया। वैसे हमारी तरफ से लोग ट्रेकिंग पर कम जाते है। कहते है कि वहां स्वर्ग जैसा अनुभव होता है। और सही बताऊं तो यही सच है। सबसे पहले मैं ऋषिकेश से जोशीमठ के लिए निकला। ये 280KMs का सफर 14 घंटे बाद भी पूरा नहीं हुआ और रास्ता बंद होने के कारण हम थोड़ा पहले पीपलीकोट में रात रुकना पड़ा। दूसरे दिन 10 Kms का थका देने वाला पैदल ट्रैक था जिसमे आप बहुत सुंदर दृश्य देखते जाते है। ये आपको घांघरिया तक ले जाता है।
तीसरे दिन हमने फूलो की घाटी की सैर की जो कि 7+7 kms का ट्रैक था। इसके बाद को पैन किलर लेना ही पड़ा। Thesearchingsouls के गाइड ने हमे बताया कि आप मॉर्निंग में कोई मेडिसिन नही ले सकते है।
चौथे दिन हमे सिखो के प्रमुख धार्मिक स्थल श्री हेमकुंड साहिब जाना था। यह 6 km की एक तरफा सीधी चढ़ाई थी। बुरी तरह थका देने वाले रास्ते से हम प्रकृति के नजारे का आनंद लेते हुए दर्शन करने पहुंच गए। ऊपर जाते ही सारी थकान गायब हो गई। कुल मिलाकर ये बहुत सुखद अनुभव रहा। जाते समय ऋषिकेश और आते समय बद्रीनाथ जी के दर्शन का लाभ भी ले लिया।
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